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आईआईटी कानपुर में रैगिंग का बड़ा मामला, Facebook पर छलका छात्र का दर्द

आईआईटी कानपुर में रैगिंग का बड़ा मामला, Facebook पर छलका छात्र का दर्द
आईआईटी कानपुर में इस साल दाखिला लेने वाले छात्रों के साथ ग्रुप रैगिंग का मामला सामने आया है। 50 से ज्यादा सीनियर छात्रों पर जूनियरों के साथ गाली-गलौज, पिटाई व उनके साथ गंदी हरकतें करने का आरोप है। यह मामला 19 व 20 अगस्त की रात का है। करीब 30 से ज्यादा जूनियर छात्रों ने घटना की शिकायत डीन स्टूडेंट अफेयर से की है। 



24 सीनियर छात्र चिह्नित
जूनियर छात्रों का आरोप है कि हॉल-2 (स्टूडेंट हॉस्टल) में कई सीनियरों ने उन्हें गलत हरकतें करने के लिए दबाव बनाया। मना करने पर उन्हें गालियां दीं। कुछ ने सीनियरों पर उनकी पिटाई करने का भी आरोप लगाया। मामले में पीड़ित जूनियर छात्रों की शिकायत पर डीन स्टूडेंट अफेयर्स और एंटी रैगिंग कमेटी ने जांच शुरू कर दी है। करीब 24 सीनियर छात्रों को अब तक चिह्नित किया जा चुका है। इन आरोपी छात्रों को टर्मिनेट करने और उन पर एफआईआर दर्ज करने की सिफारिश की गई है। इस पर अंतिम फैसला 21 सितंबर को होने वाली सीनेट की बैठक में लिया जाएगा। 

फेसबुक पर छलका दर्द
एक जूनियर छात्र ने आईआईटी कन्फेशन फेसबुक पेज पर रैगिंग की घटना भी बयान की है।छात्र ने बताया है कि सीनियर उनसे इंट्रोडक्शन के नाम पर गलत काम करने पर मजबूर करते हैं। उनपर ट्रोल करते हैं और अलग-अलग तरह से परेशान भी करते हैं। छात्र ने सीनियरों को नसीहत भी दी है। लिखा है कि अगर आप सीनियर के नाते प्यार से हमसे कुछ मांगते तो हम अपनी जान भी दे देते लेकिन इस तरह से मारपीट कर, गालियां देकर और दबाव बनाकर आप हमसे कुछ नहीं करा सकते।

स्टूडेंट सीनेट में हुई चर्चा
रैगिंग के आरोपों के मद्देनजर स्टूडेंट सीनेट में भी चर्चा हुई। इसमें एंटी रैगिंग कमेटी की जांच को लेकर सवाल खड़े किए गए हैं। कहा गया कि दोषी छात्रों से जवाब नहीं मांगा गया। इसकी सही तरीके से जांच करवाने की मांग की गई।

पूर्व में भी होती रहीं घटनाएं
कई सीनियर छात्रों ने भी दबे जुबान से रैगिंग की घटना को स्वीकार किया है। छात्रों का कहना है कि पिछले चार से पांच सालों में रैगिंग की घटनाएं बढ़ी हैं। इसकी जानकारी फैकल्टी मेंबरों को भी होती है, लेकिन कोई ठोस कदम नहीं उठाया जाता। यही कारण है कि रैगिंग की घटनाएं रुकने की बजाय बढ़ती जा रही हैं।

रैगिंग की शिकायत मिलने पर जांच कराई जा रही है। करीब दो दर्जन छात्रों को जांच कमेटी ने चिह्नित किया है। इन पर कार्रवाई का फैसला सीनेट की बैठक में लिया जाएगा।
प्रो. मणिंद्र अग्रवाल, डिप्टी डायरेक्टर
आईआईटी कानपुर

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